इना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में चीन की जो भूमिका है, वह पाकिस्तान में किस तरह से प्रतिरोध का सामना कर रही है? जीस तरह से आप सब जानते हैं कि पाकिस्तान के अंदर चीन के द्वारा लगभग सात बिलियन डॉलर से भी अधिक का निवेश करके एक आर्थिक गलियारा बनाया जा रहा है जो कि पाकिस्तान अरब सागर को जोड़ने वाला है। उसको किस प्रकार का प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है? क्योंकि हाल ही में पांच चीनी नागरिक ko एक सुसाइड बॉम्बिंग में हत्या कर दी गई है और इतना ही नहीं जिससे क्षेत्र में बलूचिस्तान के अंदर ग्वादर पोर्ट बनाया जा रहा है, वहाँ पर भी हाल ही में एक अटैक हुआ है। एक आत्मघाती हमला हुआ है। केवल बेस के ऊपर। इसके चलते परिणाम यह निकला कि खुद प्रधानमंत्री और राज् से मिलते। सोचिए चीनी राजदूत से मिलने पाकिस्तान के पीएम और राष्ट्रपति उनके दूतावास चले जाते हैं,
ये कितनी बड़ी बात है? क्योंकि राजदूत से मिलने चले गए। इसका मतलब क्या है, समझ देखो। भारत की आंतरिक पॉलिटिक्स में अभी केजरीवाल जी का मसला चल रहा है। आपको संभवतः ध्यान होगा haal ही में जर्मनी के राजदूत ने उस पर कोई टिप्पणी करी। भारत के विदेश मंत्रालय ने तुरंत उन्हें बुला लिया है
पाकिस्तान कितना बिक चुका है, इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए। कि जहाँ पर चीनी नागरिक मरते है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति खुद। अपने कार्यालयों से निकलकर के चीनी दूतावास के ऑफिस में जा करके उसे शांतना देने पहुंचते हैं। की सर सॉरी हाँ। आतंकियों पर जबरदस्त कार्रवाई करेंगे। इससे आप पाकिस्तान के दिवालिएपन का अंदाजा लगा सकते हैं। पाकिस्तान में चीनीयों के नाम पर अभी क्या क्या हुआ? पाकिस्तान के अंदर जो ग्वादार कोड है जिसको सीपैक के अंदर सबसे इम्पोर्टेन्ट माना जा रहा है। बलूचिस्तान का ही गोवा का हिस्सा है। वहाँ पर कहा जाता है कि कराची के बाद दूसरा सबसे बड़ा लेवल स्टेशन है वहाँ पर हाल ही में एक हमला हुआ। एक्स्प्रेशन हुआ, गनफायर हुआ और उसकी वजह से काफी बड़े स्थान पर मतलब इसको सबसे से क्युर्ड स्थान माना जाता है। वहाँ पर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के द्वारा हमला कर दिया गया। भारत के। पश्चिम और उत्तर की तरफ स्थित पाकिस्तान और उसके दक्षिण पश्चिम की तरफ स्थित क्षेत्र है बलूचिस्तान जैसे क्षेत्र के हिसाब से सबसे बड़ा माना जाता है। वहाँ पर नाम का इनका एक नेवल एयर बेस है। पाकिस्तान में ग्वादर एअरपोर्ट व दार नेवल बेस या फिर कहीं गोदारा कोट यहाँ से सीपैक निकल करके होते हुए पाकिस्तान होते हुए पूरा क्रॉस करके चाइना से कनेक्ट करने वाली जगह है। इसकी सुरक्षा में तर मत करके उन्होंने नेवल बेस बनाया हुआ है। वहाँ पर कुछ आतंकी घुसे और आतंकी बताए गए। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के कोई यहाँ पर पहुंचते हैं और यहाँ पर जाकर ब्लास्ट कर देते हैं। इस प्रकार का एक लेवल बेस्ट है इस लेवल बेस्ट। अच्छा ये तस्वीरें पब्लिक में आती हैं। इन तस्वीर में आने के बाद से यह पता चल गया की अलटिमेटली यहाँ पर क्या हुआ था क्योंकि यहाँ पर जबरदस्त फ्लेअर्स उड़ती हुई पाई गई। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया कि हमारे प्लेस पर अटैक हुआ है, लेकिन इससे केवल एक ही सैनिक मारा हैं। तस्वीरें जारी हुईं, जिसमें की बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के लोग इस लेवल पे इस में घुसते हुए दिखाई दिए और गनफायर की आवाजें दूर से देखी गयी। जो सैनिक शहीद हुआ उसके ऊपर पाकिस्तान के अंदर। शांत करा दिया गया। ठीक है साहब चारों आतंकियों को मार दिया गया लेकिन अलटिमेटली सबसे बड़ा कारण निकल के आया कि लोग किस चीज़ का विरोध कर रहे हैं।
असल में बलूचिस्तान का मानना है कि पाकिस्तान उनके संसाधनों को चीन को दे रहा है। ऑलरेडी बलोचिस्तान पर चीन पाकिस्तान नहीं, जबरन कब्जा किया हुआ है सबसे कम संसाधन बलूचिस्तान को पाकिस्तान द्वारा दिए जाते हैं और उसके बावजूद बच्चे हुए। जो जगह है उसे भी वो चीन को दे रहा है। इसको देखते हुए कईयों बार बलूचिस्तान के लोगों द्वारा आत्मघाती हमले करके पाकिस्तान की सेना और चीनी। और टारगेट किया गया है और इन्होंने अब हथियार उठाकर के अपनी एक बलूचिस्तान के लोगों ने फोर्स बना ली है, जिसका नाम बलोच लिबरेशन आर्मी है। पाकिस्तान बलोच लिबरेशन आर्मी की सहायता का भारत पर आरोप लगाती रही है। ठीक है, संसाधनों पर कब्जा इसका एक बड़ा कारण बताया जाता है। दूसरी पारी खबर जो पाकिस्तान से निकल कर आई वो ये थी की चाइनीज वर्कर्स को एक सुसाइड बॉम्बिंग के अंदर मार दिया जाता है। और जब किस तरह की खपत अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चलती है तो यह चर्चा होने लगती है की ये घटना कहाँ हुई? क्या यहाँ पे बलोचिस्तान में हुई, बोले नहीं जिंस जगह पाकिस्तान के उत्तर में तासु करके इन का एक डैम बन रहा है वहाँ पर घटना हुई क्या हुआ? खैबर पख्तूनख्वा करके पाकिस्तान का एक रॉबिन्स वहाँ पर धांसू नामक निंदा से रिवर पर एक टैप बन रहा है। लगभग ढ़ाई की अवॉर्ड के आसपास बिजली पैदा करेगा। वो उस डैम पर काम करने के लिए चाइनीज वर्कर्स जा रहे थे। ऑलरेडी चाइनीज वर्कर्स की रक्षा के लिए 4000 से ज्यादा सैनिक पाकिस्तान ने लगा रखा। 1700 से अधिक चाइनीज वर्कर्स हैं, जो इस समय पाकिस्तान में काम कर रहे हैं। चाइना मानता है कि मैं अपनी फोर्स लेकर ही पाकिस्तान में आ जाऊं। क्या आप ताकि मैं अपने वर्कर्स की सुरक्षा कर सकूँ? लेकिन पाकिस्तान कहता है कि हमने अबतक केवल सेना ही तो पाली है। हमारी सेना आपके वर्कर्स की हिफाजत करेगी। मल्टीप्ल टाइम्स पर हमले होते रहे, पाकिस्तानी सेना की नाकामी दिखती रहीं। हाल ही में भी ऐसा ही कुछ हुआ है। खैबर पख्तूनख्वा प्रॉविंस मिंट टाइम पर जाते समय जो चीनी चीनी नागरिक गाड़ी में जा रहे थे। उन्हें एक आत्मघाती हमले के तहत एक कार आती है। उस कार्य के अंदर विस्फोटक होते हैं, चीनीयों के काफिले के नजदीक पहुँच करके उस गाड़ी में ब्लास्ट होता है और पास चीनी मारे जाते हैं। ये विजुअल्स है जो आपको यहाँ पर आते हुए दिखाई दे रहे हैं। विडिओ भी आया। लेकिन इस वीडियो को मैं दिखाऊंगा नहीं। किसी गाड़ी में जा करके ब्लास्ट हुआ और जा करके यह गाड़ी फट गयी और फट कर के कुछ किस प्रकार से मलबे के अंदर तब्दील हो गई। उम्मीद है कि आप इस बात को समझ पाए कि चीनीयों को टारगेट करने में खैबर पख्तूनख्वा हो या बलूचिस्तान? वहाँ के लोगों में कितना जबरदस्त गुस्सा है कि वो चीन को अपने देश में संसाधनों पर नियंत्रण करते हुए नहीं देख सकते तो सोचिये। एक तरफ खैबर पख्तूनख्वा, एक तरफ बलोचिस्तान और एक तरफ खैबर पख्तून आया नहीं कि पाकिस्तान के केवल दो ही राज्य है, जो संभवतः खुश दिखाई पड़ रहे हैं। चीन के साथ जिनमें से एक पंजाब और एक सिंध है, बाकी अन्य जो राज्य है वह चीन के सख्त खिलाफ़ है। इससे आप नज़र लगा सकते हैं।
इसका मतलब यह हुआ कि। पाकिस्तान की स्थिति में चीन का जो रोल है वो बहुत ही जाता। अप संदिग्ध हो गया है। हमलावरो ने खैबर पख्तून हमें बकायदा गाड़ी को टारगेट किया और पांच विदेशियों को मार गिराया। आप इस तस्वीर के माध्यम से यह देख सकते हैं। मलबे में पड़ी हुई गाड़ी को देख सकते हैं। इंट्रेस्टिंग बात यह है कि इस खबर। गुना में हुए हमले की किसी ने जिम्मेदारी भी नहीं दी है। कहा जा रहा है कि इस हमले के बाद में शरीफ राजदूत को आश्वासन देते हुए मिलने पहुँच जाते हैं। इनके द्वारा ट्वीट किया जाता है। आप देख कर अंदाजा लगाए कल के दिन यानी मंगलवार के दिन शहबाज शरीफ जो वापस बने हुए प्रधानमंत्री हैं, वो ट्वीट करते हैं। की आई विज़िट इन चाईनीज़ टुडे टु एक्सप्रेस मी कंट्रोल इनसेट दी ऐक्ट ऑफ टेररिज़म इन विच फाइव चाइनीज एंड पाकिस्तानी नेशनल वॉर। भाई साहब ये खुद चाइनीज एम्बैसी पहुंचे। साथियों, इतना ही नहीं इन सायन पाकिस्तान के राष्ट्रपति पहुँच गए चाइनीज एम बी सी आई स्ट्रोंगली कॉन्डम के अटैक ऑफ चाईनीज़ चेंज। जा करके चाइनीज राजदूत के गले लग रहे हैं और इनसे मिलने पहुंचे हैं कि भाई साहब बहुत बुरा हुआ आपके साथ, हम आपके साथ हैं। इतना ही नहीं विजिटर बुक में जा करके अपने का समाचार पत्र देकर के आते है। यार बहुत बुरा हो गया। आप लोगों के साथ चीनी मर गए हमारे यहाँ पर आप देखिए किस तरह से चीनी राजदूत के पास जाकरके। ये खुद हैं वहाँ सांत्वना देने पहुंचे क्योंकि इन्हें डर है कि अगर सीन भी नाराज हो गया हमसे तो फिर हमको कौन देगा? हम कैसे पलेंगे? क्योंकि बाकी वेस्टर्न वर्ड तो हम से पहले ही खफा हैं। चाइनीज एम्बैसी ने भी इस बात पर कहा की है ठीक है, हमारा प्रोजेक्ट चलता रहेगा, हम मजबूती से खड़े रहेंगे। और
पाकिस्तान में हुए हमलों का भी हम संयुक्त रूप से जांच करेंगे। पाकिस्तान से हमारी मित्रता यूं ही बरकरार रहे गी क्योंकि जब दोनों ही पैरों में जाकर गिर गए की सर सॉरी गलती हो गयी। हमसे थोड़ा हमें माफ़ करें और हम आपको पूरी जांच में सहयोग करेंगे। खैर इनके को लेकर के सब लोग पहुंचे। और वो उस जगह पर जाकर के साथ होना बंद होना दी गई और तस्वीरें उस की जा रही है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ में चाइनीज लोगों पर हुए हमले की जांच के आदेश भी दे दिए हैं। 13 पाकिस्तानी पाकिस्तानी बस ब्लास्ट, 13 इन्क्लूडिंग चाइनीज बीजिंग ने इस फॉर्म ब्लास्ट के अंदर जिम्मेदारी तय की है। ऐसा पहले भी हुआ। जब 21 के अंदर ऐसी हरकत हुई थी, ये सब पहले भी हुआ जब जुलाई 2021 में चाइना पहले ही कह रहा था की भाई साहब हम आपको सेक्युरिटी के लिए पैसे देने को तैयार हैं। चाइनीज लोगों की सुरक्षा करे अब जीस जगह। ये घटना हो रही है दैट इस हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट जो की इनके सिनेमा पर बनाया जा रहा है। ये देख रहे हैं से देखा जा सकता है धांसू पावर प्रोजेक्ट के तहत चाइना के माध्यम से चाइना के माध्यम से जो सीबैक के तहत जो मदद को दी जा रही है, बिजली उत्पादन में पाकिस्तान की मदद की जाएगी। कुछ इस प्रकार के तरन में लोअर हिमालय के अंदर स्थित यह जगह है जहाँ पर बिजली उत्पादन इसके माध्यम से किया जाएगा। वो हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट चाइना की मदद से बन रहा है, लेकिन पाकिस्तान में इसका विरोध है की चाइना इस माध्यम से हम पर कंट्रोल स्थापित कर लेगा। इसके चलते लगातार कईयों पर इन को टारगेट किया गया है और चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर में व्यवधान पैदा करने के लिए जो लोकल ग्रुप से है। उनका बहुत जबरदस्त विरोध रहा है। इसके चलते कई बार चीनी लोगों ने पाकिस्तान से जाने का निर्णय भी लिया। सीपैक के अंदर निर्माण में जो पैसा खर्च हुआ, पाकिस्तान के अंदर चीन का जो इन्वेस्टमेंट हुआ, चीन उसे छोड़ कर जाना भी नहीं चाहता है। यही कारण है कि चीन ने आतंकियों से निपटने के लिए। खुद की फोर्सेज तक बेचने से डिसीजन लिया कि आप चाहे तो मैं फोर्सेज भेज दूँ, लेकिन चीन के द्वारा भेजी जाने वाली फोर्स से पाकिस्तान का फॉरवर्डर गया की सर आप इस तरह से अपनी फोर्स मत भेजिए। मैं अपनी तरफ से प्रोटेक्शन यूनिट लगा देता हूँ। आप के लोगों की हिफाजत हमारे 4000 सैनिक करेंगे। लेकिन परिणाम क्या निकला हम आपके सामने है। चाइना लगातार अभी भी अपनी ही सिक्युरिटी फोर्सेज डिमांड कर रहा है। सोचिए अगर चीन के सैनिक पाकिस्तान में आ गए तो फिर पाकिस्तान पूरी तरह दुनिया में संभवतः पहली बार गुलाम होने वाला देश हो जाएगा। आजादी के बाद से जब दुनिया के अधिकांश देश आजाद है। उस समय पर गुलाम होने वाला पहला देश तो कोई आएगा, बट कोई नहीं। पाकिस्तान के हालात को अपने अपने आँखों से देखा और संभव है वो देश भी इस तरह देख रहे होंगे जो पथरान के तरह ही चीन के कर्ज में फंसे हैं। उन्हें किस तरह से सब पर विरोध और प्रतिरोध देखना पड़ता है,